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क़तर का अल उदैद एयरबेस क्यों है अमेरिका के लिए ख़ास

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USAF अल उदैद एयर बेस की साल 2004 में ली गई तस्वीर

क़तर की राजधानी दोहा के पास मौजूद अल उदैद एयरबेस, मध्य पूर्व में अमेरिकी सेंट्रल कमांड के एयर ऑपरेशंस का मुख्यालय है.

यहां क़रीब 8,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.

इस अमेरिकी सैन्य अड्डे की हाल में सामने आईं सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा था कि ईरान पर अमेरिकी हमलों से पहले, एहतियातन दर्जनों विमानों को रनवे से हटा लिया गया था.

बीबीसी की उत्तरी अमेरिका संपादक सारा स्मिथ के मुताबिक़, अल उदैद पर ईरानी हमला पूरी तरह अप्रत्याशित नहीं था. अमेरिका को ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमलों के बाद इस तरह की प्रतिक्रिया की आशंका थी.

मध्य पूर्व में अमेरिकी सेनाएं हाई अलर्ट पर थीं और ऐसी किसी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार थीं.

यह बेस इराक़ में अमेरिकी सैन्य अभियान के लिए मुख्यालय और लॉजिस्टिक केंद्र के तौर पर भी काम करता है. इसमें खाड़ी क्षेत्र की सबसे लंबी एयर लैंडिंग स्ट्रिप भी है. ब्रिटिश सेना भी समय-समय पर इस बेस का इस्तेमाल करती हैं. अल उदैद को अबू नक़्ला एयरपोर्ट भी कहा जाता है.

क़तर ने साल 2000 में अमेरिका को इस बेस के इस्तेमाल की अनुमति दी थी. साल 2001 में अमेरिका ने इसका संचालन पूरी तरह से अपने हाथ में लिया.

लंदन स्थित इंटेलिजेंस फ़र्म 'ग्रे डायनामिक्स' के अनुसार, इसके बाद दिसंबर 2002 में क़तर और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें अमेरिका की सैन्य मौजूदगी को औपचारिक मान्यता दी गई.

साल 2024 में मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि अमेरिका ने अपनी सैन्य मौजूदगी को 10 साल और बढ़ाने का समझौता किया है.

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अमेरिका पर दबाव image AFPTV/AFP via Getty Images दोहा में गिरी ईरानी मिसाइल के टुकड़े

बीबीसी के चीफ़ नॉर्थ अमेरिका संवाददाता गैरी ओ'डोनह्यू के मुताबिक़, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रक्षा मंत्री और जॉइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ के चेयरमैन, क़तर में हमले की रिपोर्ट आते ही सिचुएशन रूम में मौजूद थे.

इस साल मई में ट्रंप ने इस बेस का दौरा किया था. वहां सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, "राष्ट्रपति के तौर पर मेरा उद्देश्य संघर्ष ख़त्म करना है, शुरू करना नहीं. लेकिन अमेरिका या उसके साझेदारों की हिफ़ाज़त के लिए ज़रूरत पड़ी तो मैं ताक़त का इस्तेमाल करने से कभी नहीं हिचकूंगा."

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के बाद ट्रंप ने कहा था कि ईरान की किसी भी जवाबी कार्रवाई का 'पूरी ताक़त से जवाब दिया जाएगा.'

ऐसी उम्मीद थी कि ट्रंप अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले का जवाब देंगे लेकिन अल उदैद पर ईरानी मिसाइलें बरसने के कुछ घंटे बाद ट्रंप ने संघर्ष विराम की घोषणा कर दी.

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क़तर को अमेरिकी हथियार image Vitalii Nosach/Global Images Ukraine via Getty Images अमेरिका ने क़तर को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम समेत कई अहम हथियार दिए हुए हैं

अमेरिका और क़तर के बीच काफ़ी करीबी सैन्य संबंध हैं. अमेरिका ने क़तर को अब तक 26 अरब डॉलर से ज़्यादा के हथियार और अन्य सैन्य उपकरण मुहैया करवाए हैं. इस मामले में क़तर अमेरिका का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा साझेदार है.

हाल के वर्षों में अमेरिका ने क़तर को ये हथियार दिए हैं -

  • पैट्रियट मिसाइल सिस्टम समेत इंटीग्रेटेड एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम
  • नेशनल एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम
  • एएन/एफ़पीएस-132 अर्ली वॉर्निंग रडार
  • एफ़-15क्यूए फाइटर जेट (F-15 का सबसे एडवांस्ड वर्जन)
  • एएच-64ई अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर

इन हथियारों के अलावा अमेरिकी सैन्य सहयोग में गोला-बारूद, लॉजिस्टिक्स और क़तरी सेना के प्रशिक्षण में मदद में शामिल है.

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ईरान का दावा — अमेरिकी बेस पर हमला 'सफल' image BRENDAN SMIALOWSKI/AFP via Getty Images 15 मई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने अल उदैद एयर बेस का दौरा किया था

ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा कि उसने 'क़तर स्थित अमेरिकी एयरबेस को नेस्तनाबूद कर दिया.' हालांकि बयान में यह भी कहा गया कि इस हमले से 'क़तर या उसके लोगों को कोई ख़तरा नहीं है.'

ईरानी सरकारी मीडिया के मुताबिक़, परिषद ने कहा कि इस हमले में जितनी मिसाइलें दागी गईं, उनकी संख्या उतनी ही थी जितने बम अमेरिका ने तीन ईरानी परमाणु ठिकानों पर गिराए थे.

क़तर ने क्या कहा?

क़तर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने एक्स पर लिखा, "हम इसे क़तर की संप्रभुता, वायु सीमा, अंतरराष्ट्रीय क़ानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन मानते हैं."

उन्होंने कहा कि क़तर के एयर डिफ़ेंस सिस्टम ने 'हमले को नाकाम किया और सभी ईरानी मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया.' उन्होंने यह भी बताया कि बेस को पहले ही खाली करा लिया गया था.

अल-अंसारी ने आगे लिखा, "बेस में मौजूद सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए गए थे."

उन्होंने कहा, "हमले में किसी को कोई नुक़सान नहीं हुआ."

प्रवक्ता ने कहा कि क़तर को इस आक्रामक हमले का जवाब देने का पूरा अधिकार है.

(बीबीसी न्यूज़ पर्शियन से ग़ोंचेह हबीबियाज़ाद की अतिरिक्त रिपोर्टिंग)

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