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रहस्य या चमत्कार? राजस्थान के इस मंदिर में शिवलिंग दिन में तीन बार बदलता है रंग, रहस्य जान चौंक जाएंगे आप

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राजस्थान अपने महलों और किलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, यहां कई मंदिर हैं जिनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य हैं। इन मंदिरों से जुड़े रहस्य वर्षों से लोगों को आकर्षित करते आ रहे हैं। आज सावन के पहले सोमवार (sawan somvar 2024) पर 'अजब-गजब' में हम भगवान शिव के एक ऐसे चमत्कारी मंदिर (Achleshwar Mahadev Temple) के रहस्य के बारे में बताएंगे जिसका बदलता रूप सभी को हैरान कर देता है। राजस्थान के धौलपुर (Dholpur News) जिले में चंबल नदी के बीहड़ों में स्थित शिव मंदिर को लोग अचलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग (Shivling that change color) दिन में तीन बार रंग बदलता है। इसे देखना भक्तों के लिए बेहद रोमांचक होता है। मंदिर में स्थित शिवलिंग सुबह लाल, दोपहर में केसरिया और शाम को गेहुंआ रंग का दिखाई देता है।

शिवलिंग के रंग बदलने का ये है कारण!

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि सूर्य की किरणें पड़ने के कारण शिवलिंग का रंग बदलता है। लेकिन इस बारे में अभी तक सही वैज्ञानिक जानकारी नहीं मिल पाई है। मंदिर के इस रोचक दृश्य को देखने के लिए कई लोग सुबह से शाम तक अचलेश्वर महादेव मंदिर में डटे रहते हैं।

2500 साल पुराने इस मंदिर का एक और प्रमुख आकर्षण नंदी की मूर्ति है। पीतल का यह नंदी पाँच अलग-अलग धातुओं को मिलाकर बनाया गया है। आसपास के लोगों का कहना है कि जब मुस्लिम आक्रमणकारी मंदिर पर आक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे, तो नंदी की इस मूर्ति ने उन पर हज़ारों मधुमक्खियाँ छोड़ी थीं।

शिवलिंग की गहराई आज तक नहीं नापी जा सकी

एक बार कुछ लोगों ने अचलेश्वर महादेव मंदिर के शिवलिंग की गहराई नापने के लिए उसके चारों ओर खुदाई की थी। लेकिन बहुत गहराई तक खुदाई करने के बावजूद शिवलिंग का दूसरा सिरा नहीं मिला। यह देखकर वहाँ मौजूद सभी लोग हैरान रह गए और खुदाई वहीं रोक दी गई।

भक्तों की मनोवांछित मनोकामनाएँ होती हैं पूरी
इस मंदिर से लोगों की आस्था इतनी जुड़ी हुई है कि यहाँ भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। मान्यता है कि शिवलिंग के दर्शन करने से यहाँ आने वाले लोगों की हर मनोकामना पूरी होती है। लोगों का यह भी मानना है कि शिवलिंग के दर्शन करने से अविवाहित लड़के-लड़कियों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इसीलिए अविवाहित लोग यहाँ 16 सोमवार और सावन के दिनों में जल चढ़ाने आते हैं।

धौलपुर कैसे पहुँचें? 
अचलेश्वर महादेव मंदिर धौलपुर के चंबल में स्थित है। धौलपुर शहर राजस्थान के लगभग सभी शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी रखता है। धौलपुर जयपुर से लगभग 280 किमी और आगरा से 55 किमी दूर है। अन्य शहरों से बसों की भी अच्छी कनेक्टिविटी है और अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं, तो ज़्यादातर राज्यों से ट्रेनें धौलपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन तक आती हैं। वहीं, आगरा हवाई अड्डा (खेरिया हवाई अड्डा स्टेशन) धौलपुर का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है।

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