जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब भाजपा उपाध्यक्ष के भाई को टेंट लगाने के दौरान करंट लग गया। यह घटना बालाजी मंदिर परिसर में हुई, जहां वह एक मजदूर की मदद कर रहे थे। हादसे में भाजपा नेता के भाई गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि एक मजदूर भी घायल हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, बालाजी मंदिर में धार्मिक आयोजन की तैयारी चल रही थी। भाजपा उपाध्यक्ष के भाई मंदिर परिसर में टेंट लगाने के काम में मजदूरों की सहायता कर रहे थे। इसी दौरान टेंट का लोहे का पोल ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आ गया। करंट लगते ही वह जोरदार झटके से जमीन पर गिर पड़े और पास में मौजूद मजदूर सीढ़ी पर ही लटक गया।
मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत मुख्य स्विच बंद करवाया और दोनों को संभालकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने बताया कि भाजपा नेता के भाई को करंट से गंभीर झुलसने की वजह से प्राथमिक उपचार के बाद उच्च स्तरीय इलाज के लिए बीकानेर रेफर किया गया है। मजदूर का उपचार स्थानीय अस्पताल में जारी है।
घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालु और आयोजक सदस्य तुरंत सहायता के लिए जुट गए। हादसे के बाद भाजपा पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और चिकित्सकों से उनके बेहतर उपचार की व्यवस्था करने को कहा।
पुलिस प्रशासन को भी घटना की जानकारी दी गई। सदर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हादसे की जानकारी ली और विद्युत विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिस जगह टेंट लगाया जा रहा था, उसके ऊपर से 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर में हर वर्ष धार्मिक कार्यक्रम होता है, लेकिन इस बार बिना अनुमति के बिजली की लाइन के नीचे टेंट लगाना हादसे का कारण बन गया। ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसे आयोजन से पहले सुरक्षा मानकों और बिजली लाइन की ऊँचाई का पूरा निरीक्षण किया जाए।
विद्युत विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि घटना की जांच की जा रही है और यदि लापरवाही पाई गई तो संबंधित कर्मियों और आयोजकों पर कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना से पूरे इलाके में शोक और चिंता का माहौल है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है और प्रशासन से जल्द से जल्द सहायता राशि तथा उचित चिकित्सा व्यवस्था की मांग की है।
घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि सार्वजनिक या धार्मिक आयोजनों में बिजली सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के हादसों से बचाव के लिए विद्युत विभाग और आयोजकों के बीच बेहतर समन्वय और तकनीकी निरीक्षण आवश्यक है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और घायलों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
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