राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में गुरुवार की रात देशवासियों के लिए चिंता भरी रही, लेकिन भारतीय सेना ने हवा में हर खतरे को खत्म कर दिया। पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला लेने के लिए जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर समेत देश के कई बड़े सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, लेकिन भारत का रक्षा तंत्र हर बार की तरह दीवार बनकर खड़ा रहा और हमले को पूरी तरह नाकाम कर दिया। वहीं, भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को देशभर में युद्ध सायरन की तैयारी करने के निर्देश जारी किए हैं।
मंत्रालय ने सभी सरकारों से आम जनता को युद्ध सायरन की पहचान और आपातकालीन प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी देने पर जोर दिया है। इन तैयारियों का मकसद युद्ध जैसी संभावित परिस्थितियों में जान बचाना और घबराहट कम करना है। इसके लिए देशभर में मॉक ड्रिल भी की गई है, क्योंकि इससे जनता को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने, सरकारी निर्देशों का पालन करने और अफवाहों से बचने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि आपातकालीन स्थिति में प्रभावी तरीके से कार्रवाई की जा सके। साथ ही
हमले के दौरान आवश्यक सुरक्षा उपाय
हवाई हमले की स्थिति में, यदि आप खुले क्षेत्र में हैं, तो तुरंत किसी कम ऊंचाई वाले फ्लाईओवर के नीचे शरण लें। यदि आप किसी इमारत में हैं और लाल सायरन बजता है, तो मुख्य द्वार से दूर चले जाएं। ऐसी जगह पर न रहें जहां चारों ओर केवल एक परत की दीवार या केवल खिड़कियां हों। इसके बजाय, ऐसी जगह पर जाएं जहां दीवारों के बाहर दीवारों की एक परत हो, जैसे शौचालय या सीढ़ियों के नीचे का क्षेत्र, जिसे आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। साथ ही, बीएसएफ और पुलिस के निर्देशानुसार गांव खाली कराने की स्थिति में सहयोग करें।
आपात स्थिति के लिए दिशा-निर्देश
वाहनों में पेट्रोल/डीजल भरवाकर रखें, ट्रैक्टर तैयार रखें।
जानवरों को सुरक्षित स्थान पर बांधें।
यदि आपको कोई अनजान व्यक्ति, ड्रोन या संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस या सेना को सूचित करें।
ग्राम सेवक, सरपंच और स्कूल प्रधान आपदा प्रबंधन समिति बनाएं।
सुरक्षित सामुदायिक भवनों की पहचान करें और प्राथमिक उपचार सामग्री एकत्र करें।
गृह विभाग के सख्त निर्देश
सभी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं और पूरा मेडिकल स्टाफ तैनात किया जाए।
सोशल मीडिया पर देश विरोधी या भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला पर नजर रखें- अनावश्यक भंडारण न होने दें।
सीमा से सटे गांवों के लिए शिफ्टिंग प्लान तैयार किया जाए।
अति संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
फायर ब्रिगेड को सक्रिय रखा जाए और सार्वजनिक स्थानों पर माइक के जरिए सूचना प्रसारित की जाए।
सेना और प्रशासन के बीच समन्वय जरूरी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर, एसपी और रेंज आईजी के साथ समीक्षा बैठक कर स्थिति का जायजा लिया और निर्देश दिए कि भारतीय सेना और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मजबूत समन्वय से काम किया जाए।
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