'आप यहीं रहते हैं..., घर यहीं है...काम करिए...नहीं तो पाली के लोग आपको पीटेंगे, आपको अपना बुढ़ापा यहीं...पाली के लोगों के बीच गुजारना है...मैं कुछ नहीं सुनना चाहता...मैं एक महीने बाद आऊंगा...तब तक सारे काम पूरे हो जाने चाहिए...सारी समस्याएं हल हो जानी चाहिए।' यह बात जलदाय विभाग मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सख्त लहजे में कही। उन्होंने पहले सर्किट हाउस और फिर कलेक्ट्रेट में बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जब जवाई बांध में पूरा पानी है, आप 55 लीटर प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी ले रहे हैं, तो पानी की कमी क्यों है?
एसई साहब, आपके पास जवाब नहीं है क्या?
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में एसई की जगह दूसरे अधिकारी ने जवाब दिया तो मंत्री ने कहा, एसई साहब, आपके पास जवाब नहीं है क्या? एक्सईएन साहब, आपकी क्या जिम्मेदारी है, आप नहीं संभाल सकते तो मुझे बताएं। कर्मचारियों के काम नहीं करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि इन्हें कौन ठीक करेगा। अधिकारी सही काम कर रहे हैं तो गलत कौन कर रहा है?
कंपनी पर नियंत्रण नहीं
बैठक में भाजपा जिला अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा कि अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके। एलएंडटी कंपनी पर विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है। इस पर मंत्री ने जवाबदेही तय कर काम करने को कहा। विभाग अलर्ट मोड पर नहीं है।
बड़े-बड़े जोन बना दिए गए हैं
पाली शहर के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है। इस संबंध में भाजपा जिला प्रवक्ता त्रिलोक चौधरी ने कहा कि बड़े-बड़े जोन बना दिए गए हैं। आधे जोन तक पानी पहुंचते ही टंकी खाली हो जाती है। पानी सप्लाई का कोई समय नहीं है। महीने-दर-महीने बिल नहीं दिए जा रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों ने बताई पीड़ा
मारवाड़ विधायक केसाराम चौधरी, पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारीख, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा ने भी लोगों की समस्याएं उठाई। बैठक में जिला कलक्टर पुखराज पटेल, अतिरिक्त जिला कलक्टर सीलिंग अश्विनी के पंवार, जिला परिषद सीईओ मुकेश चौधरी, एसडीएम विमलेंद्र सिंह, नगर निगम आयुक्त नवीन भारद्वाज, मुख्य अभियंता परियोजना पीएचईडी जोधपुर देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता परियोजना पीएचईडी जोधपुर दिनेश एन, एसई पीएचईडी मनीष माथुर आदि मौजूद थे।
क्यों बनाई परियोजना?
कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पाली ग्रामीण के भरवारी गांव में जलापूर्ति ठीक से नहीं हो रही है। रोहट के कई गांव प्यासे हैं। उन्होंने इसके लिए दोषी अधिकारी को निलंबित करने को कहा। उन्होंने कहा कि जोधपुर के गांवों को जवाई से पानी देने के लिए परियोजना क्यों बनाई? जब पाली में ही पानी नहीं है।
...तो भुगतान रोको
उन्होंने कहा कि रोहट और जैतपुर के लिए आपको 10 एमएलडी पानी चाहिए। अभी 8.5 एमएलडी पानी आ रहा है। अगर जवाई में पर्याप्त पानी है तो 2.5 एमएलडी पानी कम क्यों ले रहे हो? पाली के लिए 48 से 50 एमएलडी पानी की जरूरत है...जब इतना पानी मिल रहा है तो दिक्कत क्या है? अगर एलएंडटी कंपनी पाली में ठीक से काम नहीं कर रही है तो उसका भुगतान रोक दीजिए। अगर कर्मचारी काम नहीं करेंगे तो काम कौन करवाएगा? आपको समझना चाहिए कि पीने के पानी की समस्या खत्म होनी चाहिए।
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