राजस्थान के कोटा जिले में बुधवार सुबह करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, लेकिन उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों की कमी है। हड़ताल के कारण कई ऑपरेशन टाल दिए गए हैं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल सीनियर डॉक्टरों ने मैदान पर कमान संभाल ली है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों के अभाव में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
क्या कहा आरडीए अध्यक्ष ने
कोटा में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हेमंत शर्मा ने कहा, 'न्याय की इस लड़ाई में प्रशासन से हमारी मांग है कि डॉ. रवि शर्मा के मामले की सकारात्मक रुख अपनाते हुए जल्द से जल्द जांच की जाए, ताकि आम लोगों को परेशानी से राहत मिल सके। हड़ताल के कारण न सिर्फ रेजिडेंट डॉक्टर बल्कि गरीब और पीड़ित लोग भी परेशान हो रहे हैं। हम मरीजों का दर्द समझते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द हमारी मांग माने, ताकि हम काम पर लौट सकें।'
क्या है डॉ. रवि शर्मा का मामला?
उदयपुर के रवींद्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में 18 जून की देर रात वाटर कूलर से पानी भरते समय करंट लगने से 35 वर्षीय डॉ. रवि शर्मा की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा कर दी और हादसे की जिम्मेदारी तय करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। शुरुआत में हड़ताल सिर्फ 2 घंटे की थी, इस दौरान इमरजेंसी में इलाज चलता रहा। लेकिन अब रेजिडेंट डॉक्टर पूरी तरह हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश के कई हिस्सों में रेजिडेंट डॉक्टर इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।
कौन हैं डॉ. रवि शर्मा?
डॉ. रवि शर्मा खेरवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ थे। उनका तबादला महाराणा भूपाल सिंह अस्पताल में हो गया था। कार्यभार संभालने से पहले वे उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में रह रहे अपने चचेरे भाई डॉ. प्रशांत से मिलने आए थे। प्रशांत शर्मा ने मीडिया को बताया, 'रवि को तेज करंट लगा और वह बेहोश हो गया। उसकी चीख-पुकार सुनकर अन्य रेजिडेंट डॉक्टर उसकी मदद के लिए दौड़े और उसे एमबी अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।' डॉ. शर्मा की अचानक मौत ने चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया है। घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स और ग्रेजुएट स्टूडेंट्स ने काम बंद कर दिया और कैंपस में नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और प्रिंसिपल और हॉस्टल वार्डन से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की।'
आरएनटी कॉलेज के 3 कर्मचारी हटाए गए
डॉ. रवि शर्मा की मौत के 5 दिन बाद कॉलेज प्रशासन ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की। इस मामले में चीफ वार्डन समेत तीन कर्मचारियों को उनके पदों से हटा दिया गया, वहीं राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए कई अधिकारियों से जवाब मांगा है। हालांकि, कॉलेज के इस फैसले से रेजिडेंट डॉक्टर्स ने नाराजगी जताई, जिसके चलते आज 7वें दिन भी हड़ताल जारी है। उनका कहना है कि आरोपी को सिर्फ पद से हटाना ही काफी नहीं है, उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए। अब उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स भूख हड़ताल पर चले गए हैं।
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