एयर इंडिया एक बार फिर विवादों में है। इस बार रियाद से दिल्ली आ रही फ्लाइट AI-926 को रविवार देर रात अचानक जयपुर डायवर्ट कर दिया गया। वजह बताई गई दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग क्लीयरेंस न मिलना। लेकिन असली ड्रामा इसके बाद शुरू हुआ। जैसे ही फ्लाइट दोपहर 12:55 बजे जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी, यात्रियों को अराइवल एरिया में भेज दिया गया। लेकिन थोड़ी देर बाद पायलट ने यह कहकर फ्लाइट को आगे ले जाने से मना कर दिया कि उसकी ड्यूटी का समय खत्म हो गया है। कोई और क्रू मौजूद नहीं था, इसलिए एयरलाइन ने यात्रियों को बस से दिल्ली भेजने का फैसला किया।
बसों से दिल्ली भेजे गए यात्री
बस का नाम सुनते ही यात्री भड़क गए। कई लोगों ने हंगामा किया, स्टाफ पर बदसलूकी का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें पूरी रात बिना खाना-पानी के इंतजार करना पड़ा। काफी समझाने-बुझाने और बहस के बाद यात्री बस से दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन कई लोगों की कनेक्टिंग फ्लाइट भी छूट गई। नाराजगी जताते हुए एक यात्री ने कहा, 'हमें पूरी रात खाना भी नहीं दिया गया। स्टाफ का व्यवहार भी काफी खराब था। अब मुझे एयर इंडिया की सेवाएं बंद करने का मन कर रहा है।'इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एयर इंडिया ने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि दिल्ली में खराब मौसम के कारण फ्लाइट को डायवर्ट किया गया, जो हमारे नियंत्रण से बाहर था। सभी यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। हमें खेद है और उम्मीद है कि भविष्य में सेवा का बेहतर अवसर मिलेगा।'
पहले भी पायलट ने छोड़ा था विमान
गौरतलब है कि ऐसा मामला पहले भी हो चुका है। 18 नवंबर 2024 को पेरिस से दिल्ली आ रही फ्लाइट को भी जयपुर डायवर्ट किया गया था, जिसमें पायलट ड्यूटी टाइम खत्म होने की बात कहकर विमान छोड़कर चला गया था। तब भी 180 से ज्यादा यात्री 9 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे।
जवाबदेही तय हो, स्पष्ट नीति की मांग
हर महीने 3 से 4 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें पायलट या क्रू अपने ड्यूटी आवर खत्म होने का हवाला देकर उड़ान भरने से मना कर देते हैं। एयरलाइंस वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रहती हैं और यात्रियों को सड़क परिवहन से भेजा जाता है। एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि डायवर्जन की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करना एयरलाइंस की जिम्मेदारी है, लेकिन वे इससे बचते हैं। यात्रियों की मांग है कि एयरलाइंस की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
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