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प्रदेश में इस बार अर्द्धवार्षिक परीक्षा 20 नवंबर से, वीडियो में जाने शिक्षा विभाग कर रहा सत्र को अप्रैल से शुरू करने की तैयारी

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प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों के लिए एक अहम बदलाव होने जा रहा है। इस बार अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 20 नवंबर से शुरू हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जल्द ही शिविरा पंचांग में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।दरअसल, शिक्षा विभाग अगले सत्र को 1 अप्रैल से शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। सामान्यतः नया शैक्षणिक सत्र हर साल 1 जुलाई से शुरू होता है, लेकिन अब इसे निजी स्कूलों की तर्ज पर अप्रैल में शुरू करने की तैयारी है। विभाग का मानना है कि इससे विद्यार्थियों को नए सत्र की पढ़ाई और परीक्षाओं के बीच अधिक संतुलन मिलेगा।

सत्र को आगे बढ़ाने की इस योजना के तहत शिक्षा विभाग अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं को समय से पहले आयोजित करने की दिशा में काम कर रहा है। पहले जहां अर्द्धवार्षिक परीक्षा दिसंबर में होती थी, वहीं अब इसे नवंबर में करवाने का निर्णय लिया गया है।शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है तो इस साल अर्द्धवार्षिक परीक्षा 20 नवंबर से शुरू होकर दिसंबर के पहले सप्ताह तक चलेगी। इसके बाद जनवरी से विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

अधिकारियों का कहना है कि इस परिवर्तन का उद्देश्य शैक्षणिक कैलेंडर को नियमित और समयबद्ध बनाना है। विभाग का तर्क है कि अप्रैल में सत्र शुरू करने से विद्यार्थियों को तीन महीने की अतिरिक्त पढ़ाई का समय मिलेगा, साथ ही गर्मियों की छुट्टियों से पहले उनकी अवधारणात्मक तैयारी भी बेहतर होगी।शिक्षा विभाग सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में कई बार मानसून या प्रशासनिक कारणों से जुलाई में सत्र की शुरुआत में देरी हो जाती है, जिससे पाठ्यक्रम पूरा करने में मुश्किल आती है। यही वजह है कि विभाग अब पूरे राज्य में शैक्षणिक सत्र को पहले शुरू करने के मॉडल पर काम कर रहा है।

इस संबंध में जल्द ही संशोधित शिविरा पंचांग (वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर) जारी किया जाएगा। पंचांग में अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तिथियों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण शैक्षणिक गतिविधियों — जैसे खेलकूद, विज्ञान मेले, प्रोजेक्ट कार्य और वार्षिक परीक्षा की संभावित तारीखें — भी अपडेट की जाएंगी।शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव विद्यार्थियों के लिए अकादमिक अनुशासन और परीक्षा प्रबंधन को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि कुछ शिक्षकों का कहना है कि नवंबर में परीक्षा कराने से सर्दी की छुट्टियों और शीतकालीन कार्यक्रमों पर प्रभाव पड़ सकता है।

फिलहाल विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रस्ताव पर अपनी राय और सुझाव एक सप्ताह के भीतर भेजें, ताकि अंतिम निर्णय जल्द लिया जा सके। यदि सब कुछ तय योजना के अनुसार रहा, तो यह पहला मौका होगा जब प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूल एक समान शैक्षणिक कैलेंडर के तहत कार्य करेंगे। इससे न केवल स्कूलों के बीच तालमेल बढ़ेगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी एक समान परीक्षा पैटर्न और समय-सारणी का लाभ मिलेगा।

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