इन दिनों खेरली रेलवे ट्रैक पर बांदीकुई से आगरा रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य जोरों पर है। जिसके पूरा होने पर यात्रा का समय कम होगा। क्रॉसिंग की समस्या से भी निजात मिलेगी। ब्रिटिश काल में बिछाई गई राजस्थान की पहली रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के लिए रेलवे ने इस साल 165 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। इस प्रकार इस कार्य के लिए अब तक 415 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। रेलवे ने इस कार्य पर 988 करोड़ रुपए खर्च करने का बजट रखा है और पूरा होने के लिए दिसंबर 2026 तक का समय तय किया है।
गौरतलब है कि बांदीकुई से आगरा ट्रैक ज्यादा दूर न होने या आसपास के सभी रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद इस ट्रैक के दोहरीकरण की मांग की जा रही थी। जिस पर रेलवे ने 2021 में इसका सर्वे कराया था। जिसके बाद 2022 में इस कार्य को मंजूरी मिली थी। बाद में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब चार माह पहले आगरा की तरफ से इसका कार्य शुरू किया गया था। जिसमें रेलवे लाइन के पास जमीन को समतल किया जा रहा है, जो करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके बाद इस रेलवे ट्रैक पर पुलिया आदि को माप के अनुसार चौड़ा किया जाएगा। रेलवे ट्रैक की लंबाई करीब 148 किलोमीटर है। जिसमें वर्ष 2022 में 30 करोड़, 2023 में 70, 2024 में 150 और 2025 में 165 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। दोहरीकरण से 22 स्टेशनों के यात्रियों को फायदा होगा।
रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के साथ ही इलेक्ट्रिक लाइन का काम भी किया जाएगा। रेलवे लाइन बिछाने के बाद इलेक्ट्रिक लाइन डाली जाएगी। इधर, रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण व विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के बाद खेरली रेलवे स्टेशन के अलावा रेलवे ट्रैक पर स्थित बांदीकुई, श्री घासीनगर, बिवाई, भजेडा, करणपुरा, भूड़ा, मंडावर, घोसराना, दांतिया, नदबई, पपरेरा, हेलक, भरतपुर, इकरन, चिकसाना, अछनेरा, रायबा, बिचपुरी व ईदगाह स्टेशनों के यात्रियों को फायदा होगा। सफर में करीब एक घंटे की बचत होगी। अभी तक आगरा से बांदीकुई पहुंचने में पैसेंजर ट्रेनों को तीन घंटे से अधिक का समय लगता है। वन-वे रूट होने के कारण ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए स्टेशनों पर रोकना पड़ता है।
इससे ट्रेनों का 10 से 15 मिनट का समय बर्बाद होता है, लेकिन दोहरीकरण के बाद क्रॉसिंग की समस्या नहीं रहेगी और एक घंटे का समय बचेगा। बांदीकुई से जयपुर व अजमेर रेलवे रूट पहले से ही डबल है। अब बांदीकुई से आगरा के बीच दोहरीकरण होने के बाद यह जयपुर व अजमेर टू-वे रूट से सीधा जुड़ जाएगा। खेरली रेलवे स्टेशन पर इस समय अमृत भारत 2 योजना के तहत काम चल रहा है। जिसमें फुटपाथ पुल सहित नई बिल्डिंग आदि का काम चल रहा है। लाइन के दोहरीकरण में प्लेटफॉर्म की मौजूदा स्थिति में भी बदलाव आना तय है। ट्रेनें रुकेंगी। रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद जहां ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, वहीं यात्रा का समय भी कम होगा। स्टॉपेज बढ़ेंगे। चूंकि खेरली बड़ा बाजार है, इसलिए यहां अधिकतर ट्रेनें रुकेंगी।
इन दिनों खेरली रेलवे ट्रैक पर बांदीकुई से आगरा रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य जोरों पर है। जिसके पूरा होने पर यात्रा का समय कम होगा। क्रॉसिंग की समस्या से भी निजात मिलेगी। ब्रिटिश काल में बिछाई गई राजस्थान की पहली रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के लिए रेलवे ने इस साल 165 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। इस प्रकार इस कार्य के लिए अब तक 415 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। रेलवे ने इस कार्य पर 988 करोड़ रुपए खर्च करने का बजट रखा है और पूरा होने के लिए दिसंबर 2026 तक का समय तय किया है।
गौरतलब है कि बांदीकुई से आगरा ट्रैक ज्यादा दूर न होने या आसपास के सभी रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद इस ट्रैक के दोहरीकरण की मांग की जा रही थी। जिस पर रेलवे ने 2021 में इसका सर्वे कराया था। जिसके बाद 2022 में इस कार्य को मंजूरी मिली थी। बाद में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब चार माह पहले आगरा की तरफ से इसका कार्य शुरू किया गया था। जिसमें रेलवे लाइन के पास जमीन को समतल किया जा रहा है, जो करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके बाद इस रेलवे ट्रैक पर पुलिया आदि को माप के अनुसार चौड़ा किया जाएगा। रेलवे ट्रैक की लंबाई करीब 148 किलोमीटर है। जिसमें वर्ष 2022 में 30 करोड़, 2023 में 70, 2024 में 150 और 2025 में 165 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। दोहरीकरण से 22 स्टेशनों के यात्रियों को फायदा होगा।
रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के साथ ही इलेक्ट्रिक लाइन का काम भी किया जाएगा। रेलवे लाइन बिछाने के बाद इलेक्ट्रिक लाइन डाली जाएगी। इधर, रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण व विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के बाद खेरली रेलवे स्टेशन के अलावा रेलवे ट्रैक पर स्थित बांदीकुई, श्री घासीनगर, बिवाई, भजेडा, करणपुरा, भूड़ा, मंडावर, घोसराना, दांतिया, नदबई, पपरेरा, हेलक, भरतपुर, इकरन, चिकसाना, अछनेरा, रायबा, बिचपुरी व ईदगाह स्टेशनों के यात्रियों को फायदा होगा। सफर में करीब एक घंटे की बचत होगी। अभी तक आगरा से बांदीकुई पहुंचने में पैसेंजर ट्रेनों को तीन घंटे से अधिक का समय लगता है। वन-वे रूट होने के कारण ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए स्टेशनों पर रोकना पड़ता है।
इससे ट्रेनों का 10 से 15 मिनट का समय बर्बाद होता है, लेकिन दोहरीकरण के बाद क्रॉसिंग की समस्या नहीं रहेगी और एक घंटे का समय बचेगा। बांदीकुई से जयपुर व अजमेर रेलवे रूट पहले से ही डबल है। अब बांदीकुई से आगरा के बीच दोहरीकरण होने के बाद यह जयपुर व अजमेर टू-वे रूट से सीधा जुड़ जाएगा। खेरली रेलवे स्टेशन पर इस समय अमृत भारत 2 योजना के तहत काम चल रहा है। जिसमें फुटपाथ पुल सहित नई बिल्डिंग आदि का काम चल रहा है। लाइन के दोहरीकरण में प्लेटफॉर्म की मौजूदा स्थिति में भी बदलाव आना तय है। ट्रेनें रुकेंगी। रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद जहां ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, वहीं यात्रा का समय भी कम होगा। स्टॉपेज बढ़ेंगे। चूंकि खेरली बड़ा बाजार है, इसलिए यहां अधिकतर ट्रेनें रुकेंगी।
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