भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पंकज चौधरी फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने अतिरिक्त महानिदेशक संजीव नरजारी पर वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीआर) में उनकी ग्रेडिंग कम करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में अपील दायर की है। उन्होंने इस मामले में मुख्य सचिव को भी शामिल किया है। उन्होंने अपील में कहा है कि चौधरी को अक्टूबर 2022 में कार्यभार संभालने के बाद 2022-23 और 2024-25 में एपीआर में 9 से अधिक अंक दिए गए, जबकि 2023-24 में कई पुरस्कार मिलने और 30 जिलों का दौरा करने के बावजूद अतिरिक्त महानिदेशक संजीव कुमार नरजारी ने सिर्फ सात अंक दिए।
आईपीएस संजीव से है व्यक्तिगत द्वेष- चौधरी
अपील में यह भी कहा गया है कि नरजारी ने एपीआर में कई कॉलम खाली छोड़ दिए, जबकि सभी कॉलम भरना जरूरी है। चौधरी ने आरोप लगाया कि एडीजी नरजारी ने द्वेष से उनकी ग्रेडिंग कम की। उनका आरोप है कि आईपीएस संजीव उनसे व्यक्तिगत द्वेष रखते हैं, जिसके चलते उन्होंने उनकी ग्रेडिंग कम की है। पंकज चौधरी ने कहा कि यह कोई राजनीतिक क्षेत्र नहीं है। अगर अधिकारी के काम के सबूत हैं तो ग्रेडिंग कैसे कम की जा सकती है।
कौन हैं आईपीएस पंकज चौधरी
साल 2009 कैडर के आईपीएस पंकज चौधरी लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं। वे कोटा, बांसवाड़ा, जैसलमेर, बूंदी, अजमेर और जयपुर में काम कर चुके हैं। पंकज चौधरी ने दो शादी की। जिसके चलते उन्हें साल 2019 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। दिसंबर 2020 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने उनकी बर्खास्तगी को गलत करार देते हुए उन्हें बहाल करने का फैसला सुनाया। पंकज चौधरी 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से नामांकन भी दाखिल किया था। बर्खास्तगी प्रमाण पत्र न होने के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था।
चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी ने जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में किस्मत आजमाई थी।पंकज चौधरी ने साल 2024 में नवाचारों के लिए राजस्थान पुलिस को डूइंग गुड फॉर इंडिया अवार्ड 2024 से सम्मानित करवाया था। साल 2024 में पंकज चौधरी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए थे।