राजस्थान की राजधानी जयपुर अपनी राजसी धरोहरों के लिए दुनिया भर में मशहूर है, और इन्हीं धरोहरों में एक प्रमुख नाम है – जयगढ़ फोर्ट। अरावली की पहाड़ियों पर स्थित यह ऐतिहासिक किला न सिर्फ अपनी भव्यता के लिए, बल्कि उससे जुड़े अनगिनत अनसुने किस्सों और रहस्यों के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि आज भी सात समंदर पार से हजारों सैलानी यहां खिंचे चले आते हैं।
जयगढ़ फोर्ट का गौरवशाली इतिहास
जयगढ़ किले का निर्माण 1726 ईस्वी में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। इसका मुख्य उद्देश्य आमेर और जयपुर शहर को बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करना था। इस किले को 'विजय किला' भी कहा जाता है, क्योंकि अपने पूरे इतिहास में जयगढ़ किला कभी भी किसी दुश्मन के हाथ नहीं लगा।यह किला सैन्य रणनीति का अद्भुत उदाहरण है, जिसमें विशाल दीवारें, रहस्यमय सुरंगें और मजबूत तोपखाना शामिल हैं। 400 मीटर लंबा और कई किलोमीटर फैला हुआ यह किला, दुश्मनों के लिए लगभग अभेद्य किला था।
1. जयबाण तोप: दुनिया की सबसे बड़ी तोप
जयगढ़ फोर्ट की सबसे बड़ी पहचान है 'जयबाण' — दुनिया की सबसे बड़ी पहियों पर चलने वाली तोप।इस तोप का वजन लगभग 50 टन है।एक बार फायर करने पर गोला लगभग 35 किलोमीटर दूर तक जा सकता था।दिलचस्प बात यह है कि इसे कभी युद्ध में इस्तेमाल नहीं करना पड़ा।यह तोप ही नहीं, इसका निर्माण तकनीक और क्षमता आज भी इतिहास प्रेमियों और सैन्य विशेषज्ञों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
2. गुप्त सुरंगों का जाल
जयगढ़ फोर्ट को आमेर फोर्ट से जोड़ने वाली एक गुप्त सुरंग भी है, जो आपातकालीन परिस्थितियों में राजपरिवार को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बनाई गई थी।
यह सुरंग लगभग 1.5 किलोमीटर लंबी है और आज भी सुरक्षित अवस्था में मौजूद है।
सैलानियों के बीच इस सुरंग को लेकर कई किंवदंतियां प्रचलित हैं — कुछ कहते हैं कि इसमें बेशुमार खजाना छिपा था, तो कुछ मानते हैं कि यह शाही पलायन के लिए अदृश्य मार्ग था।
3. खजाने की रहस्यमयी कहानियाँ
एक और दिलचस्प किस्सा जयगढ़ से जुड़ा हुआ है — छिपे हुए खजाने का।
कहा जाता है कि मुगलों ने जब भारत में लूटमार की, तो उन्होंने विशाल संपत्ति आमेर और जयगढ़ किले में छिपा दी थी।1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर जयगढ़ फोर्ट में एक बड़ा तलाशी अभियान भी चलाया गया था।हालांकि, आधिकारिक तौर पर कोई खजाना नहीं मिला, लेकिन इस रहस्य ने किले की लोकप्रियता और बढ़ा दी। आज भी लोग इस कहानी को सुनने के लिए विशेष रूप से यहां आते हैं।
4. वास्तुशिल्प का अद्भुत उदाहरण
जयगढ़ का स्थापत्य भी कमाल का है। इसमें जल संचयन की अद्भुत व्यवस्था देखी जा सकती है। विशाल टैंक, भूमिगत जलाशय और जल संरक्षण की तकनीकें दर्शाती हैं कि उस दौर में भी पर्यावरण और संसाधनों को कितनी महत्वता दी जाती थी।
इसके अलावा, किले के भीतर बने महल, सैनिक निवास, अस्तबल और भव्य आंगन भी सैलानियों को भव्यता का अनुभव कराते हैं।
5. रहस्यमय कहानियाँ और भूतिया किस्से
कुछ स्थानीय गाइड और ग्रामीणों के अनुसार, जयगढ़ किला रहस्यमयी शक्तियों का भी केंद्र रहा है।रात के समय कुछ इलाकों में अजीब आवाजें सुनने और आकृतियाँ देखने की बातें अक्सर सुनने को मिलती हैं। हालांकि यह आधिकारिक रूप से प्रमाणित नहीं है, लेकिन रोमांच प्रेमी पर्यटक इन किस्सों को सुनकर यहां खास दिलचस्पी लेते हैं।
6. विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण
जयगढ़ फोर्ट का आकर्षण न केवल भारतीयों, बल्कि विदेशी सैलानियों के बीच भी गहरी छाप छोड़ता है।
ऐतिहासिक युद्धकला का जीवंत उदाहरण
शानदार फोटोग्राफी लोकेशन्स
शाही भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
यही कारण है कि अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक जयगढ़ देखने आते हैं। उनके लिए यह किला एक "जीवित इतिहास संग्रहालय" की तरह है।
7. जयगढ़ फोर्ट में आज भी जिंदा है विरासत
आज भी जयगढ़ फोर्ट का रखरखाव बेहतरीन तरीके से किया जाता है। यहां का आर्टिलरी म्यूजियम, प्राचीन शस्त्रों का संग्रह, राजसी वस्त्र और कलाकृतियाँ, पर्यटकों को उस गौरवशाली युग में ले जाती हैं।त्योहारों के दौरान खास तौर पर किले में विशेष कार्यक्रम और झांकियाँ आयोजित की जाती हैं, जिससे यहां का माहौल और भी जीवंत हो उठता है।
निष्कर्ष
जयगढ़ फोर्ट न सिर्फ एक किला है, बल्कि इतिहास, शौर्य, रहस्य और संस्कृति का अद्भुत संगम है। यहां की अनसुनी कहानियाँ, विशाल जयबाण तोप, गुप्त सुरंगें और छिपे खजाने की कथाएँ ही हैं जो सात समंदर पार से भी यात्रियों को अपनी ओर खींच लाती हैं।अगर आप भी कभी जयपुर जाएं, तो जयगढ़ फोर्ट की इस ऐतिहासिक विरासत को नजदीक से देखने और महसूस करने का अवसर ज़रूर लें।
You may also like
काशी में भिक्षुकों के वेश में रह रहे रोहिंग्या-बांग्लादेशियों का होगा सत्यापन, विधिक कार्रवाही भी
बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की जय शंकर और शाहबाज शरीफ से बात
आईपीएल 2025: नारायण-वरुण की फिरकी में उलझी दिल्ली, कोलकाता ने 14 रन से दर्ज की जीत
महिला ने 10 इंच का पिज्जा ऑर्डर किया, जब नापा तो निकला छोटा!
बेंगलुरू में तीन हत्याओं का मामला: होमगार्ड ने पत्नी, बेटी और भांजी की हत्या की