भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह के मामले में जांच के लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाणा ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सागर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी विशेष सशस्त्र बल के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी की एसपी वाहिनी सिंह को भी शामिल किया गया है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को फटकार लगाते हुए विवादित बयान के मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एसआईटी में ऐसे आईपीएस अधिकारी हों, जो मध्य प्रदेश कैडर के तो हों, लेकिन मूल रूप से बाहर के हों। डीजीपी कैलाश मकवाना ने सोमवार देर रात मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर इसका आदेश जारी कर दिया। तीन सदस्यीय एसआईटी में सागर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा, एसएएफ के डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती, डिंडौरी एसपी वाहिनी सिंह शामिल हैं। ये तीनों आईपीएस अधिकारी विजय शाह मामले की जांच करेंगे।
दल में शामिल अधिकारियों में दो राजस्थान और एक आंध्र प्रदेश के हैं। गौरतलब है कि मंत्री विजय शाह ने 12 मई को महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताया था। इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर मंत्री शाह के खिलाफ 14 मई को महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विजय शाह के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है। इस पर अदालत ने उन्हें फटकार लगाई और कहा कि आप जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आप पब्लिक फिगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जांच में सहयोग करने की शर्त पर विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाने के आदेश दिए थे। एसआईटी 28 मई तक सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी।