मुंबई। मुंबई में कबूतरों को दाना खिलाने पर लगे प्रतिबंध को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है। बुधवार (13 अगस्त) को हुई सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि कबूतर खाने पर दाना डालना अभी भी प्रतिबंधित रहेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दखल देने से इनकार करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बार फिर इस प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई थी। अदालत ने मुंबई महानगरपालिका से लोगों की भूमिका पर विचार करने के बाद निर्णय लेने को भी कहा है।
हालांकि, सुनवाई के दौरान बीएमसी ने पक्षी प्रेमियों को राहत देने वाला रुख बताया। बीएमसी ने कहा कि शर्तों के साथ सुबह 6 से 8 बजे तक कबूतरों को दाना डालने की परमिशन देने को हम तैयार हैं।
जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि आप ऐसे ऑर्डर कैसे निकाल सकते हैं। पहले आपने पब्लिक इंटरेस्ट में फैसला लिया, अब कोई एक शख्स आकर कुछ कह रहा है तो आपने अपना फैसला बदल दिया? आपको कानूनन जाना चाहिए। अगर किसी ने आपके फैसले के खिलाफ अपील की और अगर आपको अपना फैसला बदलना है तो आप नोटिस निकालिए और सभी पक्षों से सलाह लीजिए।
वहीं, याचिकाकर्ता ने कहा कि महालक्ष्मी रेस कोर्स को फीडिंग पॉइंट बनाया जा सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे तो लोग हर ओपन स्पेस को फीडिंग पॉइंट बनाने को कहेंगे। बीएमसी ने कहा कि कंट्रोल्ड फीडिंग के फैसले से पहले हम पब्लिक से उनकी राय मांगेंगे। वहीं, कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई कमिटी में इस मुद्दे से जुड़े सभी पक्षों और याचिकाकर्ता लीखित सलाह दे सकते हैं। सरकार द्वारा बनाई गयी कमिटी को अपनी पहली मीटिंग से लेकर अगले एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी। कोर्ट ने कहा कि कंट्रोल्ड फीडिंग को लेकर 5-10 दिनों में पब्लिक से सलाह लेने के बाद फैसला लें। केस की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
दरअसल, पिछले दिनों मुंबई के दादर स्थित प्रसिद्ध कबूतर खाने को ढक दिया गया था। इसके साथ बीएमसी ने नोटिस बोर्ड लगाए। याचिका नियमित रूप से कबूतरखानों में कबूतरों को दाना खिलाने वाले लोगों ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने बीएमसी के इस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी खतरों के चलते ऐसे दाना खिलाने पर रोक लगाई गई है और कबूतरखानों को बंद किया गया है।
बीएमसी ने बोर्ड पर क्या लिखा है?
सभी नागरिकों को सूचित किया जाता है कि इस स्थान पर पशु-पक्षियों को खाद्य पदार्थ खिलाना सख्त मना है। सार्वजनिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पक्षियों को खुले में दाना डालने से फफूंदी का संक्रमण फैल सकता है, जिससे श्वसन संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं। सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि उक्त स्थान पर पशु-पक्षियों को खाद्य पदार्थ न डालें, अन्यथा संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बृहन्मुंबई महानगरपालिका स्वच्छता एवं स्वास्थ्य उपविधि 7 के अंतर्गत, सार्वजनिक स्थान पर पशु-पक्षियों को खाद्य डालना एक अपराध है और प्रत्येक ऐसे अपराध के लिए पांच सौ रूपये का जुर्माना वसूला जाएगा।
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